अन्ना हजारे के सफलता पर लफाड़ी का पश्चाताप

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-- अरे बचाओ रे बचाओ, कोई तो हमका बचाए लेओ भाई, अरे कहाँ जाए के लुकाई हम अब्बे, माफ़ कर देओ भाई लोग, अब से अईसा गलती कबहुवो नाहीं होई.

-- अरे का हुआ रे लफाड़ी ? कहाँ तड़-फडाए रहा है ?

-- का कहें राजेसर काका, हमका लुका लेओ, हमका पीछे बहुत लोग पड़े हैं.

-- सरऊ जैसा नाम औइसा ही काम. अब का कर दिओ हो तुम जे तोहरे पीछे लोग पड़े हैं ? फिर कवनो लफड़ा फंसावा है का रे ?

-- अरे काका का कहें, गलती हो गवा, माफ़ कर देओ.

-- आखिर बताव तो की का गलती किया रहे जे लोग तोहके पीछे पड़ गए हैं ?

-- राजेसर काका बचाए लेओ, ऊ देखो ऊ लोग इहाँ भी चाहुम्प गयेन.

-- का रे मंतु का हुआ रे ? का रे घुलेटन काहे को लफाड़ी के पीछे पड़े हो तुम लोग ?

-- अरे काका हम काहे के पीछे पड़े जायें एका. हनुमान जी का परसादी चढ़ाए गएँ रहे हम लोग की चलो भाई हनुमान जी का दर्शन कर आयें, अन्ना बाबा का क्रांति अउर अनशन सफल रहा. जब दर्शन कर के लौटे हैं तो अचानक से लफाड़ी पर नजर पड़ा, एका परसादी देवे का लेल बुलाये लगें तो ई सार दौड़ा हुआ भागा है. हमका लगा की जरुर कवनो लफड़ा करके भगा है सार, एह से एका हमनी के दौडाए लिहिन.

-- अब बोल रे लफाड़ी, सारे ई लोग तोके परसादी देवे का वास्ते बुलाये रहे थे तो भागा काहे ?

-- राजेसर काका, का कहें, हमका लगा की ई लोग कहीं हमके अन्ना बाबा वाला बात पर पिटे ना शुरू कर दें.

-- अब तुम्ही देख लेओ काका, का बोल रहा है ई लफाड़ी. अपना गुनाह अपने आप कबूल कर रहा है
सरवा. जब तक अन्ना बाबा अनशन पर बईठे रहे तब तक ई सार तरह तरह के शगूफा छोड़त रहा. कबहू हल्ला फैलाए देता था की अन्ना बाबा कामयाब नाहीं होएंगे, त कबहू ई कह देता था की अन्ना बाबा के पीछे राजनितिक पार्टी है. कबहू उनका पीछे रखा हुआ फोटू पर सवाल करता था त कबहू अउर कवनो उलुल जुलूल सवाल. सरवा इहाँ तक कह रहा था की रामलीला मैदान में अनशन कम होए रहा है पिकनिक जादे मनाई जा रही है. एक बार तो लगा चिल्लाने की भीड़ आये गयी भीड़ आये गयी. सरवा को भीड़ अउर समूह में कवनो अंतरे नाहीं बुझात रहा.

-- का रे लफाड़ी, घुलेटन सही कह रहे हैं ?

-- हां काका, हम से गति होए गवा माफ़ी कर देओ, हम भरमा गयेन थे कांग्रेस लोग के चक्कर में पड़ के. हम अन्ना बाबा के ऊपर अंगूरी उठाएं हैं, हमका अंगूरी में कोढ़ी फुट जाए.

-- चुप्प्प्प सार, डरामा मत देखावा करो हमका सामने. नाहीं तो अभी पीठ पर एक घवुल मारेंगे अउर दूकान में से सारा सामान निकल के बाहर आ जावेगा तोहार. कांग्रेस के चक्कर में भा कवनो पार्टी के चक्कर में आके तू चमचई पर उतारू हो जावेगा ? अपना दिमाग नाहीं चलावेगा की का सही है आ का गलत ? जो मन में आवेगा ऊ बोल देवेगा ?

-- नाहीं काका, हम त ई सोचे रहन की हम भी एही बीच में नेता बन जाए के कोशिश में रहे. सब लोग अन्ना के समर्थन में थे तो हम सोचा की अगर हम विरोध करेंगे तो कुछ लोग हमका समर्थन में भी हो जावेंगे. हमहू प्रसिद्द हो जावेंगे. एही से अफवाह बनावे का शुरू कियें अउर लोग को भरकावे लागे. हम से भारी भूल होए गयी है काका, हमका माफ़ी देई देओ.

-- तोहके का माफ़ी दे देवें ससुर, इहाँ से छूटेगा तो फिर कवनो दोसर लफड़ा शुरू करेगा.

-- जानत हो मंतु अउर घुलेटन, ई सार लफाड़ी के नाम में भी लफड़ा है. ई सार नाम बदल बदल के लोग के बतावत रहत है अउर तो अउर फोटो भी सरवा बदल देत है. आपन नाम का आगे केहू केहू का फोटो चस्पा कर देत है जेह से की लोग ई समझें की लफाड़ी तो बार सुन्नर-सुभेख हैं भाई.

-- नाहीं काका, ई के कह दिया आपसे ?

-- मारब सारवू चार घुल बस आगे से गिला अउर पीछे से पिला होई जावोगे. हमका सामने जे झूठ बोले तो हम यहीं चाय के दोकानी में पटक के मारेंगे. बोल सार हम झूठ बोल रहे हैं की तू बोल रहा है ?
-- नाही काका गलती होए गयी, अब कवनो गलती नाहीं होगी अयिन्दा से.

-- नाम के आगे फोटो बदल बदल के चस्पा ? राजेसर काका, ई का कह रहे हो आप ? ई सार लफाड़ी के नवा लफड़ा सुने के आज मिल रहा है.

-- हा हा हा....अरे मंतु अउर घुलेटन, तू लोग को पता नाहीं है भाई, ई सार फोटो स्टूडियो के बाहर से बढ़िया बढ़िया फोटो काटत है अउर कभी राशन कार्ड के ऊपर चस्पा कर के आवेदन करत है तो कभी कवनो दोसर फारम पर. एही से ई सार के सबकुछ नकली वाला ही हिसाब किताब है. सब जगह लफड़ा ही लफड़ा.

-- राजेसर काका, ई सार लफाड़ी के आप छोडो हम लोग इनके आज सब दुर्गुण दूर करी देत हैं. ई सारे आज से या तो सुधर जावेंगे नाही तो ई शहर छोड़ के चल जावेंगे.

-- हा हा हा....नाहीं रहे देओ भाई, समाज में एकाध तो इम्दी का अईसा अईसा होना भी जरुरी है, नाही तो मूंह में करिखा लगावे के होई तो केका लगावोगे ?

-- राजेसर काका, मंतु भैया, घुलेटन भैया, हम माफ़ी मांगत हैं की अन्ना बाबा के विरोध में हम बिना कवनो अर्थ अउर आधार के खूब उल्टा पुल्टा बोले हैं. आज अन्ना बाबा के सफलता के देख के हम खुद्दे इतना लजाये गए हैं की हम का बतावें. हमका छोड़ देओ आप लोग, हमका जाए देओ, अब से अईसा गलती नाहीं होवेगा. कबहुवो नाहीं होवेगा.

-- हा हा हा, मंतु अउर घुलेटन, जाए देओ ससुर को. ऊ त अपना करनी पर खुद्दे शर्मिंदा है, अब अउर केतना जलील करिहो ई सार को.....चल रे लफाड़ी, सारे भाग इहाँ से नाहीं तो एक डंडा लगावेंगे खींच के तो सारा लफड़ा भुलाए जयिहो तू......ससुर के नाती.

-- अरे लफाड़ी, कहाँ भागा जाए रहा है रे ? अन्ना बाबा के सफलता के ख़ुशी में चढ़ावा हुआ ई हनुमान जी का परसादी तो लेता जा.

-- नाहीं, मंतु भैया, नाहीं घुलेटन भैया. जवन अन्ना बाबा के हम झुठाहू का शिकायत कियें सबका सामने, उनका में गलती बताएं हैं सबको, अपना गलती लेल पहिले हम हनुमान जी से माफ़ी मांगेगे तब आपके परसादी खावेंगे. हम हनुमान मंदिर जाए रहे हैं.

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