भ्रष्टाचार के विरुद्ध एकमत


 
अन्ना हजारे की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम अब एक निर्णायक स्थिति की ओर बढ़ रही है। इस पर टीवी बहसों का दौर जारी है और होना भी चाहिए। वास्तव में अब महत्व सरकार या टीम अन्ना के अंतर्विरोधों, विरोधाभासों और विवादों का उतना नहीं रह गया है, जितना इस बात का कि संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में लोकपाल बिल पर क्या बढ़त देखने को मिलती है और अगर यह बिल पास होता है तो एक भ्रष्टाचार मुक्त सुप्रशासित भारत के निर्माण में वह क्या भूमिका निभा सकता है। फिलवक्त पूरे देश की निगाहें इसी पर लगी हैं।

- लेखक टीवी एंकर एवं वरिष्ठ पत्रकार हैं। 


http://www.bhaskar.com/article/ABH-unanimous-against-corruption-2547833.html

आम जनता बाज़ार भरोसे ........Shameless PM Manmohan Says in France...

फ्रांस में जी- 20 की बैठक के दौरान देश में बढ़ती महंगाई पर प्रधानमंत्री के गैर ज़रूरी बयान पर बुध्दिजीवियों की चुप्पी समझ से परे है. फ्रांस में जाकर पीएम को ये कहने की क्या ज़रुरत आन पड़ी थी कि वो आम जनता को बाज़ार के भरोसे छोड़ने का मन बना चुके हैं. क्या हमारे अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री इस बहाने पूंजीवादी देशों को ये संकेत दे रहे थे कि...... चाहे हमारे उद्योग धंधे नष्ट हो जाएं, देश में महंगाई अपने चरम पर पहुँच जाए तो भी हम पूंजीवाद की तरफ बढ़ते हमारे कदमों को नहीं रोकेंगे. क्या ये बयान विदेशी कंपनियों को इस बात का आश्वासन समझा जाए कि भारत में हर स्थिति में उनके हितों का संरक्षण किया जाएगा. और देश में बढ़ती महंगाई के बावजूद उनके लिए भारत के विशाल बाज़ार का दोहन करने के तमाम रास्ते मौजूद हैं. क्योंकि सरकार ने तो देश की जनता को बाज़ार के भरोसे छोड़ दिया है.

He is the Real Damad of India....Rahul Gandhi.....


रेल हादसों में मरने वाले को मात्र १-२ लाख से संतुष्ट किया जाता है
लेकिन रौल विन्ची की खिड़की पर मात्र पत्थर लगने पर उसकी जांच का खर्चा १ करोड़ २० लाख जाता है ... अरे कब तक सोते रहोगे ...

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राहुल गाँधी की सिर्फ एक घटिया नौटंकी के पीछे अब तक एक करोड बीस लाख रूपये खर्च हों चुके है !!! अभी आगे और खर्च होंगे .

मित्रों , राहुल गाँधी बार बार मीडिया की बिकाऊ टीम कैमरों के साथ लेकर रोज कोई न कोई घटिया नौटंकी करते रहते है ..लेकिन उनकी इस घटिया नौटंकी का खामियाजा इस देश के खजाने को ही भुगतना पड़ता है ..

आप लोगो को याद होगा कि पिछले साल ये मुर्ख शिरोमणी अपने आप को सादगी पसंद दिखाने के लिए दिल्ली से अमृतसर तक शताब्दी एक्सप्रेस मे यात्रा किया था .. लेकिन इसके कोच पर किसी ने पत्थर फेक दिया था .. फिर इसका पालतू चितंबरम ने सीबीआई और आई बी को इसकी जाँच करने का जिम्मा दिया ..

एक सामाजिक कार्यकर्त्ता मयंक शर्मा ने गृह मंत्रालय से आर टी आई करके पूछा कि इस जाँच के पीछे सरकार ने अब तक कितने रूपये खर्च कर चुकी है ? और क्या जाँच पूरी ही चुकी है ?

जबाब आया अब तक सरकार एक करोड बीस लाख रूपये इस जाँच पर खर्च कर चुकी है और जाँच अभी भी चल रही है ..यानि अभी और रूपये खर्च होंगे ..

मित्रों सोचिये इस मुर्ख की घटिया नौटंकी का खामियाजा पुरे देश को कैसे भुगतना पड़ता है ..

दरअसल कोच पर पत्थर बाजी खुद राहुल गाँधी की ही चाल रही होगी ..क्योंकि उन्होंने सोचा होगा कि जब वो एक बार ट्रेन मे सफर करंगे और फिर जब प्लेन मे सफर करेंगे तो फिर मीडिया और जनता उनसे सवाल करेगी कि अब कहा गया राहुल गाँधी का आम आदमी ...इसलिए राहुल गाँधी ने अपने किसी खास आदमी से ट्रेन पर पत्थर फेकवाया और फिर उनके प्लान के अनुसार गृह मंत्रालय ने कह दिया कि सरकार अब राहुल गाँधी को ट्रेन से यात्रा करने का परमिसन नहीं देगी ..क्योकि राहुल गाँधी आतंकवादियो के निशाने पर है .. लेकिन क्या आज तक किसी आतंकवादी ने पत्थर से किसी पर हमला किया है ?

—Jitendra Pratap Singh

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ये गे कुछ कमाता नहीं देश के मेहनत करके टेक्स भरने वाले लोगो का पैसे पर ऐश करता है हरामखोर मतलब की हराम का पैसा खाता है

Judge's strong words on why he denied Kanimozhi bail

I Salute and respect in the Indian Court....Read This...

If a person knows that even after misappropriating huge public funds, he can come out on bail, after spending a few months in jail, and thereafter he can continue to enjoy the ill-gotten wealth obtained by illegal means, that would only encourage many others to commit similar crimes in the belief that even if they have to spend a few month...s in jail, they can lead lavish and comfortable lives thereafter, utilizing the public funds acquired by them. In fact, not everyone would mind luxurious living for him and his family, even if it comes at the cost of spending a few months in jail. A strong message therefore needs to be sent to these white-collared criminals and those who are waiting in the wings that in the long run, it does not pay to be on the wrong side of the law.

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