भ्रष्टाचार के विरुद्ध एकमत


 
अन्ना हजारे की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम अब एक निर्णायक स्थिति की ओर बढ़ रही है। इस पर टीवी बहसों का दौर जारी है और होना भी चाहिए। वास्तव में अब महत्व सरकार या टीम अन्ना के अंतर्विरोधों, विरोधाभासों और विवादों का उतना नहीं रह गया है, जितना इस बात का कि संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में लोकपाल बिल पर क्या बढ़त देखने को मिलती है और अगर यह बिल पास होता है तो एक भ्रष्टाचार मुक्त सुप्रशासित भारत के निर्माण में वह क्या भूमिका निभा सकता है। फिलवक्त पूरे देश की निगाहें इसी पर लगी हैं।

- लेखक टीवी एंकर एवं वरिष्ठ पत्रकार हैं। 


http://www.bhaskar.com/article/ABH-unanimous-against-corruption-2547833.html

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